मृत्यु शोक का अर्थ
[ meriteyu shok ]
मृत्यु शोक उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- किसी की मृत्यु के कारण होनेवाला शोक:"राष्ट्रपिता गांधीजी की मृत्यु पर पूरा देश मातम मना रहा था"
पर्याय: मातम
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- यहां मृत्यु शोक नहीं , मुक्ति है।
- इन्दुमती के मृत्यु शोक पर विलाप करते हुए अज ब&
- यहां मृत्यु शोक नहीं , मुक्ति है।
- इन्दुमती के मृत्यु शोक से , अज रोया या तुम रोये थे?
- सच-सच बतलाना इंदुमती के मृत्यु शोक से अज रोया या तुम रोये थे कालिदास !
- का मृत्यु शोक व्यक्त किया . 1599 में, सोंनेट्स के दो जल्दी ड्राफ्ट 138 और 144 दी पेशोनेट पिलग्रिम (
- उच्च पद पर संकीर्ण दृष्टि के लोग , कोई भी धार्मिक क्रिया बिना आदर के साथ बिना दुःख के निभाई गई मृत्यु शोक की रस्में-इन्हें देख सकता ।
- दुर्गावती मरकर भी अमर है- दुर्गावती ने जिस प्रकार मातृभूमि की रक्षा के लिए विदेशी आक्रमणकारियों से युद्ध करके वीरगति पाई , उस तरह की मृत्यु शोक नहीं , गौरव की बात मानी जाती है।
- घर में पूरा माहौल गमगीन था , सुबह से ही भजन कीर्तन कराये जा रहे थे, पंडित मनसुख को भोर में ही गीता सुनाने के लिये बुला लिया गया था और कह दिया गया था कि बाबूजी के प्राण छूटते तक लगातार गीता पाठ का क्रम चलता रहे, पंडित मनसुख श्लोको का भावार्थ बताते हुये रामधीन को मृत्यु के भय से निजात दिलाने का प्रयत्न करते हुये कह रहे थे, कि मृत्यु शोक का विषय नहीं है, और ना ही इससे किंचित मात्र भी भय की आवश्यकता है।
- घर में पूरा माहौल गमगीन था , सुबह से ही भजन कीर्तन कराये जा रहे थे, पंडित मनसुख को भोर में ही गीता सुनाने के लिये बुला लिया गया था और कह दिया गया था कि बाबूजी के प्राण छूटते तक लगातार गीता पाठ का क्रम चलता रहे, पंडित मनसुख श्लोको का भावार्थ बताते हुये रामधीन को मृत्यु के भय से निजात दिलाने का प्रयत्न करते हुये कह रहे थे, कि मृत्यु शोक का विषय नहीं है, और ना ही इससे किंचित मात्र भी भय की आवश्यकता है।